Udai Shankar ka Hindi Sahitya
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सुखा देना चाहते हैं वो इंसानियत के समंदर को I
हर सय कोशिश जारी है ,
सिख इसाई हिन्दू मुस्लिम जैन पारसी ,
सभी धर्मों की धाराओं से ,
सियासत की अपनी अपनी बंजर जमीन सींचने की I
वो सभी धाराओं के मुहाने को बांध देना चाहते हैं ,
कहीं इंसानियत के समंदर में धारायें एकाकार न हो जायें ,
उस ससक्त समंदर की लहरों से वो डरते हैं ,
वो डरते हैं इंसानियत के उफान से ,
जानते हैं , जो विशाल है वही टिक पायेगा ,
डोंगी ढोंगी का गर्त में मिल जायेगा I
इंसानियत समंदर का वो सुखा नहीं पायेंगे ,
धारायें धर्मों की यहाँ एक हो जायेंगी ,
नई सुखद ऊर्जा की लहरें लहरायेंगी I
(उदय शंकर श्रीवास्तव)
कटरा बाजार , गोंडा
उ.प्र. 271503
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