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मदर्स डे ! फादर्स डे !

Udai Shankar ka Hindi Sahitya
Udai Shankar ka Hindi Sahitya
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बाप की याद कम नहीं आती,
“माँ का दिन” जब भी हम मनाते हैं |
न जाने सोंच ये बनी क्यूं कर,
कि माँ को हम याद आज कर लेंगे,
“बाप का दिन” अलग मनायेंगे |
हमने उनको दिनों में बाँट दिया,
जबकि मिलकर उन्होंने पाला था |
एक ने प्लेट थामे रखी थी,
एक के हाथ में निवाला था |
एक दिन हम लड़खड़ा के चलने लगे,
उन्होंने मिल कर हमे सम्हाला था |
सातों दिन रात दिन औ सालों तक,
मेरी खिदमत करी थी यूं जम के,
कि अपनी खुशियों पे डाला ताला था |
अगर दिन वो भी मुक़र्रर कर देते,
हमको न कोई देखने वाला था |
दिनों के जश्न से परहेज नहीं,
गर हम कोई मौका न चूकें खिदमत का |
साथ रखें उन्हें व प्यार करें,
ध्यान रखें खुदा कि रहमत का |
(उदय शंकर श्रीवास्तव)
कटरा बाजार , गोण्डा
उ.प्र. २७१५०३
मो: ८१२६८३२२८८
udai . srivastava @ rediffmail . com

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